अल्लाह पाक ने हजरतए इंसान को जिंदगी एक अमानत के तौर दी हुई है और इस जिंदगो की कामियाबी के रास्ते पर ले जाने के लिए इंसान को अपनी आदतों, सोच और आमाल पर हर लम्हा गौर करते रहना चाहिए ।
बाज लोग एसे होते है जो बिना जाने कुछ न कुछ अमल करते रहते है और फिर उन आमाल की ही वजहो से वो लोग दीन और दुनिया दोनों मे ही कामियाबी से पीछे रह जाते है ।
आज के पोस्ट मे हम आपको बताने जा रहे है 10 एसे काम जिनसे इंसान जिंदगी मे हार जाता है अगर उसने कभी गौर ही न किया और अल्लाह ने करे उसका इंतेकाल हो गया तो बड़ी आजमाइश रहेगी कब्र से हश्र तक ।
(01) बिन डिसिप्लिन (कायदे) के जिंदगी गुजारना
जिस किसी की भी जिंदगी मे कोई तरतीब यानि के डिसिप्लिन नहीं होता है तो वो कही न कही हर वक्त उलझनों मे उलझता ही रहता है। दीन ए इस्लाम हमे सुबह जल्दी उठने, नमायाजे वक्त पर पढ़ने और हर काम को तय वक्त पर अंजाम देने की तालीम देता है लेकिन बगैर डिसिप्लिन के जिंदगी बेकदर हो जाती है ।
(02) खुद को सबसे ज्यादा समझदार समझ लेना
आप समझदार हो सकते है लेकिन सबसे ज्यादा समझदार खुद को समझ लेना आऊर फिर अपने आगे किसी चलने ही नहीं देना ये समझदारी नहीं बल्कि बेवकूफी है इस गलती सबसे ज्यादा बड़ों की इज्जत को उझालना
और खुद की अना होती है जो के जल्द ही बेहद नुकसान का सबब बनती है हदीस शरीफ का मफहूम है के अल्लाह पाक उस शख्स को जरूर जलील करता है जिसमे अना होती है इसलिए इससे बचना चाहिए.
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(03) घर वालों को इज्जत न देना
कहते है के जिसने घर वालों को दुखी किया है वो कभी सुख मे नहीं जिया है मा बाप की इज्जत करना उनका अदब करना लाजिम है और फिर अल्लाह पाक ने मा के कदमों के नीचे जन्नत रखी है और बाप को उस जन्नत का
दरवाजा बताया गया है फिर इनको छोद कर आप कैसे खुश रह सकते हो, हा मसले हो सकते है लेकिन हमेशा के लिए रिश्ता खत्म कर देना ये बिल्कुल ठीक नहीं है इनको इज्जत दे इनका सहारा बने ।
(04) हर वक्त बेमतलब बातों मे मगन रहना
अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, “ कामयाब वो मोमिन है जो बेकार बातों से दूर रहते है। ” ( सूरह अल-मोमीनून, 3) तो फुजूल बाते और गॉसिप इंसान को दिल की सख्ती और वक्त की बर्बादी की तरफ ले जाती है।
तो जो लोग बे मतलबी बातों एसी बाते जिनसे न तो दुनियावी कोई फायेदा हो और न ही दीनी फायेदा हो एसी बातों मे उलझे रहते है और अपना कीमती सरमाया जाया करते रहते ये लोग जिंदगी मे पीछे रह जाते है ।
(05) समय की कद्र न करना
वक्त सोने भी ज्यादा कीमती है और ये अल्लाह की सबसे बड़ी नेमतों मे से एक है हदीस मे आया है के, ” दो नेमते है जिनकी कद्र बहुत कम लोग करते है सेहत और खाली वक्त । ” (सहीह बुखारी)
अजीजों वक्त एक एसी चीज है के जो वक्त की कद्र नहीं करता है फिर वक्त उसकी ही कद्र छोड़ देता है और एक वक्त एसा भी आता है के एसो लोगों के पास कोई बैठना भी पसंद नहीं करता है ।

(06) बुरे दोस्तों की सोहबत इख्तियार करना
किताबों मे आया है के दोस्त एसा बनाओ जिसको देख कर आपको खुदा याद आ जाए और दूसरी तरफ ये भी आया है के बुरा दोस्त जहन्नुम की तरफ ले जाने वाला रास्ता बन जाता है इसलिए अच्छे दोस्त बनाए,
गली-मोहल्ले के नुक्कड़ पर खड़े रहते हुए दोस्त न बनाए क्योंकि दोस्त अपने दोस्त के ईमान पर भी होता है इसलिए अच्छे दोस्त बनाए अच्छी सोहबत ले बुरों की सोहबत बुरा ही फल देती है और अच्छों की सोहबत अच्छा फल देती है ।
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(07) तालीम से दूर होना
अब न शोक किताबे पढ़ने का है और न ही दीन को सीखने का अब बस शोक है फेसबुक या इंस्टाग्राम की रील्स को देखने का दीन सीखने की चाहत नहीं है क्योंकि शैतान की चाल ने तालीम को एक बोझ साबित कर दिया लोगों के दिलों मे ।
हकीकत मे तालीम की ताकत वही है जो पहले के वक्त मे तलवार की थी आज के वक्त मे वही ताकत तालीम कलम की है जिसके पास ये कलम की ताकत है उससे बड़ा योद्धा आज के वक्त कोई नहीं है ।
(08) गुनाह पर गुनाह करते रहना
गुनाह पर गुनाह कर करके इंसान का दिल इतना शिया हो चुका है के अब उसके दिल पर अच्छी बाते असर नहीं करती है अब उसको अच्छे लोगों के साथ बैठना पसंद नहीं है अब उसको पसंद है एसा माहौल हो जहा गाली-गलोच का माहौल हो,
जहा एक दूसरे के ऐब तलाशे जाए जहा गीबत-चुगली आम हो ये सब काम आज के वक्त मे बहुत ज्यादा देखे जा रहे है इसलिए भी कामियाबी से दूर है गोया के जाहिलीयत की वादियों मे गुमगान है और कुरान कहता है, ” हरगिज नहीं, बल्कि उनके आमाल ने उनके दिलों पर जंग चढ़ा दी है । ” इसका हिसाब भी देना है ।
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(09) नेमतों की नाशुक्री करना
जिंदगी की हर एक सांस अल्लाह पाक की नेमतों मे से एक है और जब बच्चे से लेकर बुढ़ापे तक बल्कि जब रूह कब्ज की जाती है उस चारपाई तक अल्लाह की नेमते बंदे के हुज़ूर आती रहती है और न शुक्रा बंदा उस वक्त बड़ा अफ़्सोस करता है,
लेकिन दूसरी तरफ जब कोई मोमिन अल्लाह की किसी नेमत पर शुक्र अदा करता है तो अल्लाह कुरान मे कहता है के, ” अगर तुम शुक्र करोगे तो मै और ज्यादा दूंगा । ” (सूरह इब्राहीम)
(10) नमाजों से दूरी इख्तियार करना
नमाज इस्लाम मे फर्ज है और किताबों मे आया है के जिसने एक वक्त की भी नमाज जान बूझ कर छोड़ दी तो उसका नाम जहन्नम के उस दरवाजे पर लिख दिया जाता है जहा से वो जहन्नम मे दाखिल होगा । और एक हदीस मे आता है के, ” जिसने जानबूझ कर नमाज छोड़ दी, उसका इस्लाम से कोई तालुक नहीं। ” (अबू दाऊद)
नमाजों से रिज्क मे बरकत होती है नमाज बंदे को अल्लाह के नजदीक करती है लेकिन जब लोग नमाजों से ही दूर हो जाते है तो अल्लाह पाक उनकी जिंदगियों मे से बरकत छीन लेता है फिर उनको सुकून नहीं रहताऔर एसे ही लोग जिंदगी मे हार जाते है ।
नतीजा
ये 10 आदते अगर किसी मे हो तो वो वाकई जिंदगी मे बहुत पीछे रह जाएगा और जिसने ये आदते दुर करली तो उसकी जिंदगी इंशा अल्लाह बल्कि आखिरत भी कामयाब होगी । अल्लाह पाक से दुआ है मौला हमे हिदायत दे और आईबी बुराइयों से दूर रखे .. आमीन ।