आज के दौर मे ही नहीं बल्कि एक कमियाब इंसान के अंदर ये 5 आदते हर एक दौर मे पाई गई है और जिस-जिस ने इन 5 आदतों को अपना ओड़ना-भिछोना बना लिया है उन्होंने हकीकत मे कामियाबी हासिल की है ।
ये वो 5 आदते है जो आपको भीड़ से बिल्कुल अलग करती है, हा शुरूआत मे थोड़ी परेशानी तो जरूर ही आती है लेकिन आने वाले 40 साल अगर आप जिए तो आपके एसे जाएंगे के किसी खुश नबीस से कम नहीं ।
आज के इस पुर फितर दौर मे जिस किसी के भी पास ये 5 आदते है तो समझ लेना के वो जल्द ही अपनी जिंदगी मे कामियाब हासिल करने वाला है और कुछ बड़ा करने वाला है । जब हम स्कूल जाते थे तब एक कहावत सुनी थी के,
” जिसने समय की सीमा को भापा है वो मुकद्दर का सिकंदर बना है । ” तो अगर आप ये पढ़ रहे हो तो पूरा पढ़ना क्या पता मुकद्दर के सिंददर आप ही बन जाए क्योंकि समय सोने से भी ज्यादा कीमती चीज है अगर कोई इसे समझे थे ।
(01) व्यबहार ( अखलाक ) का समुन्द्र की तरह होना
व्यबहार के समुन्द्र की तरह होने का मतलब है के आप जहनी तौर पर इतने मजबूत हो के कोई कुछ भी कहे आप अपने डीसीजन से पीछे नहीं हटने के और जिस तरह समुन्द्र इतना बड़ा होता है ठीक इसी तरह,
आपका दिल भी समुन्द्र की मानिद है जिसमे अनगिनत लोगों की बाते तो आ जाती है लेकिन जिस तरह समुन्द्र की लहरों को कुछ नहीं फरक नहीं पड़ता ठीक इसी तरह आपके इरादों को लोगों की बातों से कुछ फरक नहीं पड़ता ।
ये एक पुकता जहन के हामिल होने की निशानी है जैसे-जैसे वक्त गुजरेगा आप कामियाबी की दहलीज तक पहुचोगे, कौन क्या कहता है इसको नहीं सोचो बस खुद को देखो अगर आप गलती कर रहे हो तो उसको जल्द से जल्द दूर करो और आगे बड़ों ।
(02) समय का पाबंद रहना
समय वो चीज है जो हकीकत मे सोने से ज्यादा कीमती होता है अगर आप समझे तो और आपने खुद अपनी जिंदगी मे ही अभी तक कई सारे एसे लोगों को देखा होगा,
जिन्होंने समय की कद्र नहीं की तो फिर क्या हुआ ?, हुआ ये के फिर समय नहीं भी उनकी कदर नहीं की आज पड़े है जमीन पर मानो के एक बोझ बनकर, इसलिए जो लोग कामियाब होते है या होना चाहते है,

वो समय को बहुत ज्यादा तर्जी देते है और वो अपना एक पूरे दिन का निजाम बनाते है और ठीक उसी के मुताबिक आगे बढ़ते है चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन ये लोग अपने निजाम को नहीं छोड़ते है उसी के मुताबिक चलते है ।
(03) हमेशा सीखने की चाहत रखना
कहते है के जिसको अना की चाहत लगी तो फिर उसको न दवा लगी और न ही दुआ लगी क्योंकि इंसान कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता कुछ न कुछ गलती करता ही है और जो हमेशा सीखने की चाहत रखता है,
वो तारीखों मे बहुत कुछ कर जाता है, गलतियों को जल्द से जल्द मान कर उन्मे सुधार लाना बहुत दिलेर वाले लोगों का काम है क्योंकि आज तो लोग दलील देते है अपने खुद के गलत होने के बावजूद सही होने की दलील ।
एसे लोग कैसे कामियाब हो सकते है जो सीखने की चाहत ही नहीं रखते, जिंदगी असल मे बदलाव का दूसरा नाम है आप कभी बच्चे थे, फिर जवान हुए और कभी बुढ़ापा भी आएगा ।
(04) अच्छे लोगों की सोहबत इख्तियार करना
” जैसा देश वैसा ही भेश ” इसका मतलब है अगर आप बुरे लोगों के साथ जिनकी बातों ने गाली-गलोच और एक दूसरे के ऊपर तंज होता है तो फिर आप कितने ही नैक दिल हो, साफ नियत के हो लेकिन अनकरीब आप भी इसी रंग मे ढलने वाले हो ।
लेकिन वही आप एक एसे माहौल मे हो जहा आपकी सोहबत एसे लोगों के साथ है के जो एक निजाम के तहत है जो हसी-मजाक भी करते है लेकिन अपनी जिंदगी मे कामियाब भी है और महनत और लगन से अपने काम करते है, नैक लोग,
तो फिर आप कितने ही बड़े चोर हो, ढाकु हो या कोई शराबी हो अनकरीब आप भी इसी माहौल मे ढलने वाले हो क्योंकि सोहबत रंग लाती है जिनके साथ रहना होता है फिर बैठना-उठना, बोलना और यहा तक के काम करना भी उनके जैसा हो जाता है ।
(05) लोगों की मदद करना – हमदर्द होना
आप बस पैसे कमाके एक कामियाब इंसान नही बन सकते बल्कि यू कहे के पैसा कमा लेना कामियाबी नहीं है, हा एक जरूरत है पैसा लेकिन सब कुछ नहीं है, कामियाबी असल मे वो है जब वो लोग कहे जिनको आपकी जरूरत थी,
और आपने उनकी मदद की अब मदद से मुराद बस पैसों से मदद ही नहीं बल्कि अच्छा मशवराह देना या उसके काम मे उसके साथ लगना वो परेशान है तो उसको दिलाषा देना उसके कंधे पर हाथ रखना,
उसके गम बाटना ये भी मदद है अगर आप इस फीलिंग से निकले हो या महसूस कर सकते हो तो यकीनन आपका जहन एक कामियाब इंसान का जहन है, लोगों की नजरों मे कामियाबी बस पैसा है लेकिन हकीकत मे,
कामियाबी एक दुआ है, जब सामने वाला आपको दिल से दुआ देता है तो ये है कामियाबी ।
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