एक गलती आप कही न कही रोजाना ही करते जा रहे हो जो के आपकी कामियाबी का रास्ता रोके हुए है, वो क्या है और क्यों है चलिए इसको समझते है, असल मे ये गलती और कोई नहीं बल्कि फिजूल बाते है अब ये कैसे आपकी कामियाबी का रास्ता रोके हुए है ये जानते है ।
मेरे अजीजों आज कल बद किस्मत से खामोश रहने वाले इस्लामी भाई बहुत कम ही मिलते है, देखा ये जाता है के दिन भर जबान चलती रहती है सिर्फ सोते वक्त ही जबान को कुछ आराम मिलता है बल्कि बाज तो इतने बातुनी होते है के नींद मे भी बाते करने लग जाते है ।
फिजूल बाते किस तरह तरक़्क़ी रोक रही है ?
फिजूल बातो की वजह से आपके ऊपर कई सारी आफते आ रही होती है लेकिन आप समझ नहीं पाते हो जैसे के,
- अक्सर मुँह से झूट निकल जाता है ।
- गीबत सरजद होती है ।
- चुगली कर बैठता है ।
- राज भी फाय कर डालता है ।
- लोगों की दिल आजारिया करता रहता है ।
- औरों की बातों को काटने लगता है ।
- अपना वकार खो देता है ।
- बोल कर पछताता है ।
- लोग बार इससे अपना पीछा छुडाते है ।
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अल गरज ज्यादा बाते करने मे बहुत सारी परेशनिया हो जाती है जो आपकी कामियाबी को रोकती है इसलिए तो किसी ने क्या खूब कहा है के ” न बोलने मे तो नौ गुन ” क्योंकि खामोश आदमी बहुत सारी आफ़तों से अमन मे रहता है ।
कुरान मे इसके तालुक से क्या आया है ?
ज्यादा बोलने के तालुक ए अल्लाह पाक कुरान ए मजीद के 18 वे पारे मे आयत नंबर 1 मे इरशाद फरमाता है जिसका माएना ये है कि, ” बेशक मुराद को पहुचे ईमान वाले अपनी नमाज मे गिड़गिड़ाते है और वो जो किसी बे हुदा बात की तरफ इलतिफात नहीं करते । ” ( कंजूल ईमान )
इससे मालूम हुआ के अल्लाह पाक को फुजूल बाते कतअन ना पसंद है, इसलिए हम सबको चाहिए के वही बाते करे जिससे दीन और दुनिया का भला होता हो, अल्लाह पाक हम सबको बे जरूरत बाते करने से महफूज रखे और जबान की आफ़तों से बचाए – आमीन
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