जुमे के दिन ये 6 काम करने से रोजी मे बरकत

जुमा का दिन हर एक मुसलमान के बहुत खास है इस दिन जुमे की नमाज के साथ और भी कई सारे काम बहुत खास होते है जिनकी अहमियत और फजीलत दीन ए इस्लाम मे बहुत ज्यादा है ।

ये वो फरीजे है जो अगर जुमे के दिन ये 5 काम किये जाए तो आपकी रोजी-रोजगार मे बेशुमार बरकत होंगी ये फरमान ए रसूल ए खुदा है । जुमे के तालुक से कुरान ए मजीद मे अल्लाह पाक इरशाद फरमाता है,

” जब जुमा की नमाज के लिए अजान दी जाए तो खरीद-ओ-फरोख्त को छोड़ डो और नमाज की तरफ दौड़ो .. ” ( सूरह अल-जुमा आयत 9 ) तो चलिए जुमे के दिन 5 अहम काम कौनसे करने चाहिए उनको जानते है ।

(01) घुसुल करना और साफ कपड़े पहनना

हदीस शरीफ मे आता है के जो आदमी जुमा के दिन गुसल करके मस्जिद मे जल्दी आता है, अल्लाह पाक उसके हर कदम पर नेकी देता है । और साफ सुथरे कपड़े पहनकर अल्लाह की बारगाह मे हाजिरी देना भी रिज्क मे बरकत का सबब है

और ये गौर करने वाली बात है के जब हम किसी दावत मे जाते है तो अच्छे कपड़े और नहा कर जाते है लेकिन जब अपने मालिक की बारगाह मे जाते है तो कुछ लोग बिना गुसल किये ही जाते दिखते है, हर एक मर्द को चाहिए के वो गुसल करे तब जुमे के लिए निकले अगर कोई शरई मजबूरी है तो बात अलग है ।

(02) सूरह अल-कहफ की तिलावत करे या सुनले

हमारे प्यारे नबी ए करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया है के, ” जो जुमा के दिन सूरह कहफ पढ़ता है, उसके लिए के नूर रोशन किया जाता है। ” अब जिसको पढ़ना नहीं आता हो तो वो सुन सकता है इसकी बरकत से दिल को सुकून और कारोबार मे तरक्की मिलती है ।

और अगर आसानी हो तो सूरह यासीन भी पढ़ली जाए या सुनली जाए इसके भी बेशुमार फायेदे है खास कर जुमे के दिन के लिए तो बहुत ज्यादा ही फजीलत आई है ।

(03) दुरूद शारेफ़ की कसरत करना

रसूल ए खुदा ﷺ ने इरशाद फरमाया है के, ” जुमा के दिन मुझ पर ज्यादा से ज्यादा दुरूद शरीफ भेजो । ” और एक जगह ये आया है के तुम मे से जो कोई चाहता है के वो दुनिया मे ही रहते हुए अपना मकाम जन्नत मे देखले,

तो उसके चाहिए मुझ पर दिन मे 1000 बार दुरूद पढे के वो जब तक नहीं मरेगा या नहीं मरेगी जब तक के वो दुनिया मे ही रहते हुए जन्नत मे अपना मकाम न देखले और दुरूद शरीफ पढ़ने से मुसीबते दूर होती है और रोजी मे बरकत होती है तो कम से कम 100 बार तो दुरूद शरीफ पढे ।

(04) मरीज की इयादत करना

आपके पड़ोस मे या मोहल्ले मे या कही रिश्तेदारी मे अगर कोई बीमार है तो आपको चाहिए के जुमे दिन जुमे की नमाज के बाद उसकी इयादत करने जाए उसके लिए कुछ तोहफा लेकर जाए,

जिससे उसके दिल मे खुशी दाखिल हो ये सुन्नत ए रसूल है और हुज़ूर ने फरमाया है के जो कोई जुमे के अपने किसी भाई या बहिन की इयादत करने जाए उसकी रोजी मे बरकते बड़ा दी जाती है ।

(05) गरीबों को खाना खिलाना या सदका देना

हमारे प्यारे नबी ए करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया है के, ” रिज्क को बढ़ाने का सबसे बेहतरीन तरीका गरीबों को खाना खिलाना और सदका करना है । ”

जुमा के दिन अगर आप किसी को खाना खिलाते है या थोड़ी सी मदद भी करते है, तो अल्लाह पाक आपके माल मे बदोतरी अता करता है और हुज़ूर नबी ए करीम ﷺ ने कहा है के सदका देने से कभी भी माल मे कमी आ ही नहीं सकती है बल्कि सदका देने से तो माल मे बरकत ही होती है ।

(06) अपने मरहुमीन और किसी मजार पर हाजिरी दे

जुमे के बाद या असर के बाद आप अपने मरहुमीन की कब्रों पर हाजिर होकर वहा फातिहा पढे जो भी आपको सूरत याद हो उसे पढ़ कर उनके हक मे दुआ करे उनकी मगफिरत की दुआ करे,

ठीक एसे ही आप किसी मजार पर भी जाए क्योंकि अल्लाह वाली के मजारों पर खुदा का खास फैज होता है जो दुआये हमारी यहा कुबूल नहीं हो रही होती वो अल्लाह पाक बुजुर्गों के वसीले से दुआ कुबूल कर लेता है बेशक अल्लाह वालों के पास बड़ा ही करम होता है उनके पास जाकर सुकून मिलता है ।

Leave a Comment