एक बादशाह अपने खिदमत गारो और सिपाहियों के साथ सामान सफर तैयार करके एक रोज शिकार पर गया और जब वो पहाड के दामन मे दोपहर का खाना खाने और दसतरखान पर बैठा तो एक शाहीन ने अचानक आकर उसके सामने से भुने हुए मुर्गे को पलक छपकते ही उठा लिया और तेजी से उडता हुआ चला गया ।
और बादशाह ये भुने हुआ मुर्गआ खाना चाहता था लेकिन वो देखता का देखता ही रह गया, अब उसने फौरन अपने सिपाहियों को हुक्म दिया के घोडो पर सवार होकर शाहीन का पीछा करे और मुरगा वापिस लेकर आये । फौरन लश्कर रवाना हो गया, यहा तक कि शाहीन तआकब करता हुआ दूसरे पहाड के दामन मे जा पहुचा और उसके बाद जब
सिपाहियों ने देखा कि शाहीन पहाड की दूसरी जानिब जा चुका है तो फौरन ये सिपाही घोडो से उतर गए और पहाड की बुलंदी पर जा पहुचे, पहाड की दूसरी जानिब पहुचने के बाद उन्होंने बड़ा ही अजीब ओ गरीब मंजर देखा, उनके सामने एक शख्स था जिसके हाथ और पाओ बंधे हुए थे,
और वो जमीन पर पड़ा हुआ था और भुना हुआ मुरगा दसतरखान से उठा कर लाने वाला शाहीन बड़े मजे से उस शख्स की महमान नवाजी कर रहा था, और वो परिंदा अपनी चोंच से गोश्त नौच-नौच कर उस शख्स के मुह मे डाल रहा था उसके बाद वो उडा और कही से अपनी चोंच मे पानी भर लाया फिर उसने पानी भी उस शख्स को पिला दिया,
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सिपाही उस शख्स के करीब पहुंचे और उसके हाथ पाओ खोल कर पूछा के ये क्या माजरा है? तो उसने सिपाहियों का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि, ” मै एक ताजिर हूँ, तिजारत के सिलसिले मे अपना माल और असबाब लेकर जा रहा था कि इसी रास्ते मे डाकुओ का सामना हो गया, वो मेरा माल और असबाब लूट ले गए,
वो चाहते थे कि मुझे कत्ल कर दे, लेकिन मैने इलतिजा की के वो मुझे जान से न मारे, वो कहने लगे हमे इस बात का डर है के तुम किसी तरह आबादी तक पहुच जाओगे और इसके बाद उन लोगों ने मुझे और मेरे खच्चर को बांध दिया और चले गए, फिर दूसरे दिन ये परिंदा मेरे लिए कही से रोटी ले कर आया और आज ये भुना हुआ मुरगा ले आया है, रोजाना 2 मर्तबा ये परिंदा मैरी महमान नवाजी करता है । “
बादशाह को जब ये पूरी बात का इल्म हुआ तो उसकी जिंदगी मे इनकिलाब आ गया, वो कहना लगा, ” अफसोस है हम पर कि हम एसे खुदा की खुदाई गाफिल है जो इस अंदाज से अपने बंदों को रिज्क फराहम करता है और अपना निजाम चलाता है। ” ये कह कर बादशाह ने अपनी हुकूमत से किनारा कशी इखतियार करली और अपने जमाने का आहिद ओ जाहिद शख्स बन गया ।
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नसीहत क्या मिली ?
इससे हमको सीख मिली के जो रब समुन्द्र के छोटे-छोटे जीवो के लिए भी रोजी का इनतिजाम करता है वो इंसानों के लिए बहुत महरबान है और यकीनन आप किसी भी परेशानी मे मुब्तिला हो वो अनकरीब जरूर आपकी मदद करेगा बस सीधे और हक के रास्ते पर मजबूती के साथ कायम रहे, इंशा अल्लाह अल्लाह की मदद जल्द आएगी ।