रिज्क मे फराखी, उम्र मे दराजी और बुरी मौत को दफा करने का आसान वजीफा

दीन ए इस्लाम एक एसा पाकीजा मजहब है, जो इंसानियत, मुहब्बत और आपसी तालुकात को मजबूत करने की तालीम देता है, मेरे अजीजों रिज्क मे फराखी, उम्र मे दराजी और बुरी मौत को दफा करने के लिए रसूल ए आजम ﷺ ने इरशाद फरमाया है के,

” जो शख्स ये चाहता है के उसकी उम्र लंबी हो, रिज्क मे बरकत हो और बुरी मौत से महफूज रहे, तो वो अल्लाह तआला से डरता रहे और अपने रिश्तेदारों के साथ अच्छा सलूक करे । “

इस हदीस से ये साफ होता है के रिश्तेदारो से अच्छा बर्ताव करना न सिर्फ इबादत है बल्कि ये इंसान की दुनिया और आखिरत दोनों के लिए भी फायदे का सौदा है ।

रिश्ते तोड़ने वाले का क्या होगा ?

जो रिश्तेदारों से मुहब्बत कायम रखेगा उसके रिज्क मे बरकत होगी और जो रिश्ते तोड़ेगा या रिश्तेदारों से गलत अखलाकी बात कहेगा उसके तालुक से हुज़ूर नबी ए करीम ﷺ फरमाते है-

  1. रिश्ता अर्श-ए-इलाही से लिपट जाता है और कहता है, ” जो मुझे जोड़ेगा, अल्लाह उसे जोड़ेगा और जो मुझे काटेगा, अल्लाह उसे काटेगा । “
  2. जिस कौम मे रिश्ते तोड़ने वाला होता है, उस पर अल्लाह की रहमत नहीं उतरती।

इसलिए मेरे अजीजों हमे चाहिए के अगर हम अपने रिज्क मे और उम्र मे बरकत चाहते है तो फिर हम भी अपने रिश्तों को मजबूती से निभाए, गिला शिकवा छोड़ कर मुहब्बत फैलाए और अल्लाह की रहमतों के हकदार बने।

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