कर्बला की आखिरी साँझ: बेटे को रोका, बहिन को सलाम, बीबी से अलविदा और बेटी सकीना ने थामे घोड़े के पाँव
बेटा हजरत जैनुल आबिदीन को जंग करने से रोका और वसीयत की! कूफे के रेगिस्तान मे अब कोई बजाहिर मददगार न था, हजरत इमाम हुसैन के नाम तमाम जा निसार साथी एक-एक करके दीन ए हक की खातिर शहीद हो चुके थे, मगर जब इमाम खैमो मे तशरीफ़ लाए तो देखा के हजरत जैनुल आबिदीन, … Read more