कर्ज कैसे उतारे, एसे उतरेगा कर्ज कि आपको पता भी नहीं चलेगा !

कर्ज पे कर्ज होता जा रहा है लेकिन इसको दूर करने का कोई जरिया ही नहीं बन पा रहा है, देखे मेरे अजीज यकीनन जिंदगी मे परेशानी आती है और वक्त एसा भी आता है के हर एक परेशानी दूर हो जाती है और हमे सीख दे कर जाती है, किसी ने क्या खूब लिखा है कि,

” कर्ज की तहो मे दबा है सब कुछ, सांसे भी गिरवी सी लगती है अब !

मगर दिल अब भी कहता यही है, मेरा रब देर करता है, पर अंधेर नहीं करता। “

आप अकेले ही नहीं है जिनके ऊपर कर्ज है बल्कि करोड़ों लोग है और यही नहीं बल्कि कई और भी तरीके है जिनसे रब अपने नेक बंदों को आज माता है, किसी को रब ने आँखों से महरूम किया हुआ है लेकिन आपको आंखे तो दी है,

किसी को रब ने सुनने से महरूम रखा है लेकिन आपको तो कानो की नेमत से नवाजा है मेरे अजीज अगर आप समझे तो ये बहुत बड़ी बात है अब जानते है के आप अपने कर्ज को कैसे दूर कर सकते है ।

(01) अल्लाह की रहमत से मायूस न हो

मै समझता हूँ आपके ऊपर लाखों का कर्ज हो चुका है लेकिन मेरे अजीज जो रब मछली के पेट मे भी किसी को रिज्क दे सकता है, उस रब की रहमत से आप मायूस न हो वो तो आपको आपकी मा से 70 गुना ज्यादा आपसे मुहब्बत करता है, ब जाहीर आपके साथ परेशानी है,

लेकिन मेरे अजीज अन करीब ये काले बादल दूर होंगे, सूरज रोशनी लाएगा और आपका कर्ज उतर जाएगा लेकिन आप को अपने रब के इस इम्तिहान मे पास होना है बस, देखे आपके टेंशन लेने से कर्ज नहीं उतरेगा बल्कि रब को राजी वाले कामों से और हिम्मत दिखाने से कर्ज उतरेगा ।

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(02) लोगों को कर्ज के बारे मे न बताए

हो सकता है के आप ये सोच कर लोगों को बता रहे हो के वो आपकी मदद करे कुछ सहारा लगा दे और फिर दोस्त और रिश्तेदार होते ही क्यों है बेशक बिल्कुल सही बात है लेकिन आज के वक्त मे लोगों का नजरिया बदल चुका है,

आप हर एक को बताओगए तो आप अपनी इज्जत खो बैठोगए इसलिए खामोश रहिए हा बताइए लेकिन उनको जो आपको को वाकई मे लगे के ये हो सकता है मदद न कर सके लेकिन नेक नियत के साथ अच्छा मशवराह तो दे ही सकते है ।

(03) अपने काम पर तवज्जो दे

जो भी आपका काम है उस पर तवज्जो दे छोटी-छोटी बातों पर अपने काम से लीव न ले बल्कि आगे बड़ते रहे और बिल्कुल ही खामोश हो जाए और एसे लोगों से दुरी बना ले जिनके पास न तो कोई अच्छी बात है,

और न ही कोई खैर वाली बाते बल्कि जब देखे एक दूसरे की गीबत ही करते रहते है और अच्छे और नेक ख्याल के दोस्त बनाए जिनको देख कर रब की इबादत करने का जहन बने।

(04) सूरह वाकिया का वजीफा

सूरह वाकिया जो कि कुरान ए मजीद की 56 भी सूरत है उसे या तो खुद से पढ़ले या फिर यूट्यूब से सुने दिन एक बार चाहे रात हो या दिन, इसको बस आप 41 दिन तक बिना रोके करले, अल्लाह पाक आपके रिज्क को कुशादा करेगा,

और जल्द से जल्द आपके कर्ज ए से भी आपको निजात दिलाये लेकिन याद रखे वजीफे बेशक असर करते है लेकिन पक्का इरादा और मजबूत ईमान शर्त है, इसलिए पक्की नियत के साथ करे ।

(05) जिनसे कर्ज लिया है उससे राबते मे रहे

आपने जिनसे कर्ज लिया है उससे राबते मे रहे उसको जताते रहे के आपका कर्ज जल्द से जल्द लौटा दिया जाएगा क्योंकि आपके दुश्मन पूरी कोशिश करेंगे उसको भडकाने की, इसलिए इससे पहले के वो अपना काम करे, आप उनसे पहले ही अपनी बात करले और उसको भरोसा दिलाये ।

(06) लोगों की बातों पर नहीं बल्कि अपने काम पर ध्यान दे

आप बिल्कुल भी ये नहीं सोचे कि कौन क्या कहेगा क्योंकि आप कुछ नहीं करोगे तब भी ये कहने वाले कुछ न कुछ कहेंगे ही और जब आप कुछ करते हो तब भी ये जुबान चलाने वाले कुछ न कुछ तो कहेंगे ही, इसलिए आप लोगों की बातों पर ध्यान न देते हुए फकत अपने काम पर ही ध्यान दे ।

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