माँ बाप के दुनिया से जाने के बाद 7 काम उनके लिए करने चाहिए

मा-बाप अल्लाह पाक की बहुत ज्यादा खास नेमत है और हो भी क्यों न हो जिस मा के कदमों के नीचे अल्लाह पाक ने जन्नत रख दी हो और जिस बाप को रब ने जन्नत की चाबी कहा हो उनके मकाम और मरतबे की शान क्यों न होगी !

लेकिन देखा जाता है के जिस वक्त ये दोनों हयात होते है तब हमको इनकी कद्र नहीं होती ज्यादा तर लेकिन जब ये दुनिया ए फ़ानी से चले जाते है तब जाकर हमे इनकी अहमीयत का पता चलता है खैर जिनके मा बाप अभी मौजूद है उनको चाहिए के वो अपने मा बाप की खूब-खूब खिदमत करे।

और जब ये बुड़े हो जाए तो इनके चिड-चिडे पर से उनसे जरा भी ऊंची आवाज से बात न करे बल्कि हर वक्त इनका एहतिराम करे लेकिन जिनके मा बाप या दोनों मे से कोई एक भी दुनिया से रुखसत हो चुका है उनके लिए इसाले सवाब करने के 7 तरीके जानते है ।

(01) खुद कुरान पढ़ कर अपने इसाले सवाब करे

कुरान शरीफ खुद से पढे ये इसलिए लिखा के क्योंकि जब आप मदरसे से बच्चों को बुलाते हो या आजू-बाजू से बच्चीया आती है वो सब दिल से नहीं पढ़ते बल्कि देखा गया के उनको पता होता है के अभी कुरान खानी के बाद नाश्ता होगा, पैसे मिलेंगे तो उनका ध्यान अक्सरों का इसी तरफ होता है और वो जल्दी-जल्दी पढ़ कर फ्री हो जाते है लेकिन जब आप पढ़ोगे आपके जहनो मे आपकी वालिदैन की यादे होंगी तो आप बिल्कुल ठीक पढ़ोगे इसलिए खुद से पढे ।

(02) सदका ए खैरात करे

मा-बाप के जाने के बाद आप सदका ए खैरात करे जैसे गरीबों को खाना खिलाए, यतीमों को सहारा दे जिस भी तरह से, कोई परेशान है तो उसकी परेशानी दूर करे और खैर वालों कामों से लोगों की मदद करे, अपनों की, रिश्तेदारो की और पड़ोसियों की, ये भी आपके वालिदैन के लिए इसाले सवाब है ।

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(03) नैक आमाल

आपके जो भी नैक आमाल होंगे वो सब आपके मा बाप के लिए इसाले सवाब बन जाएंगे इसलिए खास कर नवाफ़िल नमाजे, रोज़े, उमरे करे अगर कर सकते हो तो वरना जिक्र ए खुदा, कसरत के साथ करे दुरूद शरीफ की कसरत करे और खैर वाले काम करे, जिनसे आपका रब आपसे राजी हो, हुज़ूर नबी ए करीम आपसे खुश हो ।

(04) कसरत के साथ दुआ ए मगफिरत करे

दुआ मोमिन का हथियार है लेकिन मसाजिद मे देखा जाता है के लोग बार जल्दी-जल्दी नमाज पढे और उठे चल दिए न दुआ करते और न ही अच्छे से तसबीह पढ़ते लेकिन मा बाप के लिए औलाद को चाहिए के कसरत के साथ अपने मा बाप के हक मे दुआ ए मगफिरत करे जैसे के मोला ए कायनात मेरे वालिदैन को जन्नत मे आला से आला मकाम अता करे और जन्नत के आला से आला नेमते अता कर ।

(05) कब्रिस्तान मे जाकर कब्रों की जियारत करे

आज कल देखा जाता है के घंटों-घंटों मोबाईल पर टाइम वेस्ट कर दिया जाता है लेकिन तौफीक नहीं होते के 5 मिनट्स भी अपने वालिदैन की कब्र पर जाकर जियारत कर आये, आपको पता होना चाहिए के हमारे वालिदैन हमारा इंतेजार करते है के मेरे घर से कोई क्यों नहीं आता मुझे देखने, लिहाजा आप अपने वालिदैन की कब्रों पर जाए उनके लिए दुआ करे वहा थोड़ी देर बैठे, जिक्र ए खुदा करे और उनके हक मे दुआ करे ।

(06) उनसे मुहब्बत करना जिसने वालिदैन मुहब्बत किया करते थे

जिनसे आपके वालिदैन मुहब्बत किया करते थे तो अगर आप भी उनसे मुहब्बत करोगे तो ये भी इसाले सवाब होगा जैसे के आपके वालिद का इंतेकाल हो गया है तो आप अपने चचा से मुहब्बत करे और अगर आपकी वालिदा का इंतेकाल हो गया तो आप अपनी खाला से मुहब्बत करे अगर ये न हो तो अपने वालिद के दोस्तों से मुहब्बत करे अपनी मा की मिलने वालियों से मुहब्बत करे कभी उनकी प्यार मुहब्बत से बिना घर मे फँसन के दावत किये करे खास उनके लिए ही ।

(07) कोई रकम उनके इसाले सवाब की नियत से मस्जिद या मदरसे मे लगा दे

मा बाप के इसाले सवाब के लिए आप इसी नियत के साथ कुछ रकम जो के हलाल ही होनी चाहिए उसको किसी मस्जिद मे या किसी मदरसे मे लगा दे खास इसी नियत के साथ इंशा अल्लाह जब उस मस्जिद मे नमाजे होती रहेंगी या जब तक उस मदसरे मे बच्चे दीन की तालीम हशील करते रहेंगे तब तक आपके वालिदैन को सवाब पहुचता रहेगा ।

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