मानसून का मौसम शुरू होते ही देश के कई हिस्सों मे बारिश की चेतावनी जारी की जाती है भारतीय मौसम विभाग समय-समय पर भारी बारिश, तूफान और बदल फटने जैसी संभावनाओ को लेकर अलर्ट जारी करता है ।

अब एसे मौसम मे आप जानता के लिए ये बेहद जरूरी है के इन सब चेतावनियों को नजर अंदाज न करे बल्कि अपने आप को और अपने परिवार को महफूज रखने की तैयारी करे ।

आखिर क्यों बारिश की चेतावनी दी जाती है ?

आपको बता दे के बारिश की चेतावनी एक तरह अलर्ट होता है जिसे मौसम विभाग जारी करता है ताकि जानता को भी संभावित खतरों से आगाह किया जा सके और जब किसी क्षेत्र मे अत्यधिक वर्षा की संभावना होती है,

या फिर तूफ़ानी हवाये, बिजली गिरने, या बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है, तब इस तरह की चेतावनी दी जाती है, इसका मकसद सिर्फ जानकारी देना ही नहीं होता बल्कि इसका मकसद लोगों को तैयार करना भी होता है ताकि जानमाल का नुकसान न हो सके ।

किस प्रकार की चेतावनी होती है ?

  1. येलो अलर्ट ( Yellow Alert ): सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है ।
  2. ऑरेंज अलर्ट ( Orange Alert ): तैयारी रखे, संभावित खतरे की आशंका ।
  3. रेड अलर्ट ( Red Alert ): बेहद गंभीर स्थिति, तुरंत कार्यवाही की जरूरत ।

हालिया मौसम की उपडेट क्या है ?

हाल ही मे भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई, पुणे, उत्तराखंड, असम, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों मे भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और इसके साथ ही अगले 48 घंटों मे कई इलाकों मे बादल फटने जैसी स्थिति बन सकती है और इन क्षेत्रों मे स्कूल बंद किये जा रहे है और प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है ।

बारिश की चेतावनी पर क्या करे ?

  1. बिजली के उपकरणों से दूरी बनाए – बिजली गिरने के मामलों मे यह जानलेवा साबित हो सकता है ।
  2. घर पर रहे – जब तक जरूरी न हो, घर से बाहर न निकले ।
  3. खुली जगहों पर न जाए – पेड़ के नीचे, खुले मैदान या पानी भरी जगहों से दूर रहे ।
  4. आपातकालीन किट तैयार रखे – टॉर्च, दवाइया, पानी की बोतल, चार्ज मोबाईल आदी पास रखे ।
  5. प्रशासन के निर्देश माने – लोकल प्रशासन या पुलिस द्वारा जारी किये गए अलर्ट को गंभीरता से ले ।

बारिश का असर आम जिंदगी पर क्या हो रहा है ?

बारिश जहा एक तरफ सुकून देटी है, वही दूसरी तरफ जरा सी लापरवाही बड़ी तबाही का सबब बन सकती है और भारी बारिश के कारण ट्रेफिक जाम, बिजली गुल, घरों मे पानी भरना और मलेरिया-डेंगू जैसी बीएमरिया आम हो जाती है ।

फिर फिर गाव मे तो खेतों मे पानी भरने से किसानों की महंनत पर पानी फिर जाता है शहरी इलाकों मे जलभराव और सडके टूटने की घटनाए देखने को मिलती है ।

सोशल मीडिया और झूठी खबरे से दूर रहे

दोस्तों बरसात के मौसम मे अक्सर झूठी चेतावनिया सोशल मीडिया पर वायरल होती है और एसे मे हमेशा ही आधिकारिक तरीका जैसे IMD की वेबसाईट या सरकारी न्यूज चेनलों की जानकारी पर ही यकीन करे और अफवाहे न फैलाए और दूसरों को भी जागरूक करे ।

निष्कर्ष ये है

बारिश की चेतावनी केवल एक सूचना ही नहीं बल्कि आपके और आपके परिवार की सलामती के लिए एक जरूरी कदम है अगर हम सजग रहे और समय रहते अलर्ट को समझे और उस पर अमल करे, तो फिर हम किसी भी मुसीबत से खुद को और दूसरों को बचा सकते है ।

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