हज़रत अली जब आये जंग-ए-खैबर मे – बहादुरी का वो मंजर जो आज भी रूह को हिला देता है!

हज़रत अली जब आये जंग-ए-खैबर मे - बहादुरी का वो मंजर जो आज भी रूह को हिला देता है!

मेरे अजीजों जब जंग ए खैबर का ऐलान हुज़ूर नबी ए करीम ﷺ ने किया तो ये सिर्फ एक लड़ाई नहीं थी बल्कि ये हक और बातिल के दरमियान वो फैसला था, जहा इस्लाम को मिटा देने की साजिशै अपने उरुज पर थी और यहुदी कबीले ने खैबर के किले को एसा मजबूत बना लिया … Read more

मजबूर शख्स के लिए अल्लाह का गैबी निज़ाम

एक बादशाह अपने खिदमत गारो और सिपाहियों के साथ सामान सफर तैयार करके एक रोज शिकार पर गया और जब वो पहाड के दामन मे दोपहर का खाना खाने और दसतरखान पर बैठा तो एक शाहीन ने अचानक आकर उसके सामने से भुने हुए मुर्गे को पलक छपकते ही उठा लिया और तेजी से उडता … Read more

यजीद के दरबार मे अहले सादात का काफिला

यजीद का इमाम हुसैन के बेटे हजरतए आबिद से सवाल-जवाब इब्ने जियाद के हुक्म से कैदियों की रस्सीया और कस दी गई और अहले सादात का ये काफिला दुश्मन की तरफ रवाना हो गया, उनके हाथ उलटे बंधे हुये थे, रस्सीयो से बदन जकड़े हुए थे, ऊंटों की नंगी पुश्तो पर सुवार थे, इमाम हुसैन … Read more

बहिन जैनब की बेबाकी और बेटी सकीना पर सितम

बीबी शहर बानो और सेयदा जैनब सुबह से रो-रो कर थक चुकी थी और आँसू खुश्क हो चुके थे और आंखे पथरा गई थी, मगर वो कियामत खैज मंजर देख रही थी इस बार नजरे उठाई तो इमाम हुसैन का सर नेजे पर था, दोनों की दर्द भरी हल्की आवाज चीखो के साथ बुलंद हो … Read more

जब इमाम हुसैन निकले मैदान-ए-जंग मे, कर्बला कांप उठा!

अपने नाना हुज़ूर का अमामा सर पर बांध कर, अम्मा फातिमा की चादर कमर पर लपेट कर, अब्बा अली की तलवार लेकर जब इमाम हुसैन आये जंग करने तो किसी ने लिखा के, “अंधेरो मे हक और हिदायत का आफताब तुलु हुआ, जिसकी रोशनी से कूफे का रेगिस्तान जगमगा उठा, वहशत और बरबरीयत की तारीकों … Read more

कर्बला की आखिरी साँझ: बेटे को रोका, बहिन को सलाम, बीबी से अलविदा और बेटी सकीना ने थामे घोड़े के पाँव

बेटा हजरत जैनुल आबिदीन को जंग करने से रोका और वसीयत की! कूफे के रेगिस्तान मे अब कोई बजाहिर मददगार न था, हजरत इमाम हुसैन के नाम तमाम जा निसार साथी एक-एक करके दीन ए हक की खातिर शहीद हो चुके थे, मगर जब इमाम खैमो मे तशरीफ़ लाए तो देखा के हजरत जैनुल आबिदीन, … Read more

शहजादे अली अकबर की शहादत – कर्बला का जांबाज नौजवान

कर्बला का मैदान सिर्फ जंग का ही नहीं बल्कि ईमान, सब्र और कुर्बानी का सबसे बड़ा मरकज है, हज़रत इमाम हुसैन के बेटे शहजादे अली अकबर की शहादत उस ववादारी और बहादूरी की कहानी है, जिसे सुनकर आज भी दिल कांप उठता है। अली अकबर नबी ए करीम ﷺ की शबीह थे, उनकी आवाज, चाल-ढाल … Read more

इमाम हुसैन की शहादत – सब्र, हक और कुर्बानी की मिसाइल

कर्बला एक तपता हुआ रेगिस्तान जहा सूरज भी शर्मसार है, जमीन अंगारों सी दहक रही है और इसी जमीन पर नबी ए करीम ﷺ के प्यारे नवासे हजरत इमाम हुसैन अपने अहले बैत और चंद वफ़ादार साथिओ के साथ डटे है सामने यजीद की फौज का हजारों का लश्कर है मगर इमाम हुसैन झुके नहीं … Read more

इमाम हुसैन की 5 खास वसीयते

(01) हक और बातिल मे फर्क करो, जुल्म के खिलात उठना इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान मे जान देकर ये पैगाम अपने नाना की उम्मत के लिए आम किया है के जब हक और बातिल आमने-सामने हो, तो मुसलमान को खामोश नहीं रहना चाहिए बल्कि जालिम हुक्मरान के सामने कलाम-ए-हक कहना सबसे बड़ा जिहाद … Read more

इमाम हुसैन के दोनों भांजे ऑनो-मुहम्मद की शहादत

हजरतए वहब की शहादत के बाद हजरत इमाम हुसैन खैमे मे वापिस आये, बीबी शहर बानो अपनी चादर के दामन से अली असगर को हवा दे रही थी ले हजरतए फातिमा के लाल ने अपनी हमशीरा बहिन जैनब से फरमाया ! बहिन जैनब उठो और भाई हसन की कमान दो ! नाना मुस्तफा करीम की … Read more

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