जब इमाम हुसैन निकले मैदान-ए-जंग मे, कर्बला कांप उठा!

जब इमाम हुसैन निकले मैदान-ए-जंग मे, कर्बला कांप उठा!

अपने नाना हुज़ूर का अमामा सर पर बांध कर, अम्मा फातिमा की चादर कमर पर लपेट कर, अब्बा अली की तलवार लेकर जब इमाम हुसैन आये जंग करने तो किसी ने लिखा के, “अंधेरो मे हक और हिदायत का आफताब तुलु हुआ, जिसकी रोशनी से कूफे का रेगिस्तान जगमगा उठा, वहशत और बरबरीयत की तारीकों … Read more

कर्बला की आखिरी साँझ: बेटे को रोका, बहिन को सलाम, बीबी से अलविदा और बेटी सकीना ने थामे घोड़े के पाँव

बेटा हजरत जैनुल आबिदीन को जंग करने से रोका और वसीयत की! कूफे के रेगिस्तान मे अब कोई बजाहिर मददगार न था, हजरत इमाम हुसैन के नाम तमाम जा निसार साथी एक-एक करके दीन ए हक की खातिर शहीद हो चुके थे, मगर जब इमाम खैमो मे तशरीफ़ लाए तो देखा के हजरत जैनुल आबिदीन, … Read more

इमाम हुसैन के दोनों भांजे ऑनो-मुहम्मद की शहादत

हजरतए वहब की शहादत के बाद हजरत इमाम हुसैन खैमे मे वापिस आये, बीबी शहर बानो अपनी चादर के दामन से अली असगर को हवा दे रही थी ले हजरतए फातिमा के लाल ने अपनी हमशीरा बहिन जैनब से फरमाया ! बहिन जैनब उठो और भाई हसन की कमान दो ! नाना मुस्तफा करीम की … Read more

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