जिंदगी के लम्हे लौट कर नहीं आएंगे !

जिंदगी के लम्हे लौट कर नहीं आएंगे !

मेरे अजीजों किसी ने कहा है के, जिंदगी यू तो पैदा होने से लेकर कब्र तक का ही एक मरहला है लेकिन मै चाहता हूँ की कुछ लम्हे लौट आया करे जिन लम्हों मे मै अपने रब को राजी न कर सका वो लम्हे लौट आये और वो वक्त लौट आये जिस वक्त मेरे अंदर … Read more

जिंदगी की दौड़ मे कुछ यूँ पीछे छूट गया!

किसी ने लिखा है के, ” जिंदगी की दौड़ मे कुछ यू पीछे छूट गया, बचपन का मुस्कुराना, गली का खेल छूट गया। ” इसका अगर खुलासा ए कलाम किया जाए तो कुछ यूं होगा, इंसान जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, वेसे वेसे ही उसकी जिम्मेदारियो का बोझ उसके कंधों पर चढ़ता जाता है, चाहे … Read more

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