मेरे अजीजों आज के दौर मे आये दिन हादसे होते रहते है जैसे एक्सीडेंट और इनमे जान का खतरा हमेशा ही रहता है इससे बचने के लिए और गुनाह पर गुनाह कर चुके अब वो कैसे मिटे उसके लिए,
इसके साथ ही बुराई कर कर के दिल शीया हो चले अब किसी अच्छी बात का असर ही नहीं होता अब इस बुराई को कैसे रोके इन सबके लिए एक खास अमल आपके लिए किताबों से पेश कर रहा हूँ ।
अगर आप ने इस नेक काम को अपने अमल मे लिए तो देखना इंशा अल्लाह ये सारी परेशानी दूर हो जाएंगी और खुशिया आपकी जिंदगी मे जरूर लौट आएगी लेकिन शर्त फकत ये है के ये अमल फकत रिजा ए इलाही के होना चाहिए और दिखावे के लिए कीया तो ये शायद आप इसके फ़ैज़ से महरूम ही रह जाए ।
आग से पर्दा एसे हो जाता है !
हजरतए मैमुना बिनते साद से मरवी है कि आप ने अर्ज की, या रसूल ए खुदा ﷺ ! सदके के बारे मे हमारी रहनुमाई फरमाए। आपने फरमाया, जो अल्लाह पाक की रिजा की खातिर सदका करे तो वो सदका उसके और आग के दरमियान पर्दा बन जाता है।
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गुनाह कैसे मिट जाते है ?
हमारे प्यारे नबी ए करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया कि, ” सदका गुनाहों को यू मिटा देता है जैसे आग को पानी । ” और इसके साथ ही सदका देने वालों के लिए कब्र की गर्मी से हिफाजत और बरोजे कियामत साया ए रहमत के हुसूल की बशारत है ।
बुराई के 70 दरवाजे बंद और बुरी बला कैसे टल जाती है ?
रहमत ए आलम, नूर ए मुजसम ﷺ ने इरशाद फरमाया है कि, ” सदका बुराई के 70 दरवाजे बंद कर देता है । ” इसके साथ हुज़ूर नबी ए करीम ये भी इरशाद फरमाते है के, ” सुबह सवेरे सदका दो कि “बला सदके के आगे कदम ही नहीं बढ़ाती । “
बुरी मौत(एक्सीडेंट) से हिफाजत कैसे होती है ?
शहनशाहे मदीना, करार ए कलबों सीना, हुज़ूर नबी ए रहमत ﷺ ने इरशाद फरमाया है कि, ” खुश खुलकी बरकत है और बद खुलकी नुहूसत और सदका बुरी मौत से बचाता है और नेकी उम्र बढआती है ।
सदका कैसे दे और किसको दे ?
अब सदका किसको दे और कितना दे इस सवाल का जवाब ये है के अल्लाह की रिजा के लिए अपनी हैसीयत के मुताबिक सदका निकाले और उन देखे अगर आपके पडोस मे किसी को जरूरत हो तो उसे दे, उसके बाद मे रिशतेदारो मे देखे और फिर उसके बाद मे आप बाहर किसी भी दे सकते है बहतर तरीका यही है ।
अल्लाह पाक हम सबको नेक और खैर वाले काम करने की तौफीक अता फरमाए .. आमीन !