मेरे अजीजों हर एक मुसलमान के दिल मे ये सवाल जरूर आता है कि Quran kaise padein? क्या पहले Arabic? क्या तर्जुमा के साथ? और इसकी तजवीद कैसे सीखे?, आज के इस article मे हम इन तमाम सवालों के जवाब आपको तफसील से और एक दम आसान शब्दों मे देंगे ।
(01) Quran Padna kyun Zaroori hai?
मेरे अजीज हकीकत मे कुरान न सिर्फ इल्म का समुन्द्र है बल्कि ये सीधी हिदायत है जो अल्लाह पाक ने भेजी है, कुरान पढ़ना सिर्फ सवाब कमाने का जरिया ही नहीं बल्कि जिंदगी की हर उलझन का हल है।
Quran e Pak मे अल्लाह कहता है, ” ये कुरान इंसान के लिए नसीहत है.. ” (सूरह यूनुस 57)
(02) Quran Padne ki Tayyari – दिल से, दिखावे से नहीं
आप रोज कुरान ए मजीद पढ़ने के लिए एक वक्त तय करे फ़जर के बाद सबसे बहतर वक्त है । जब भी पढ़ने बैठे तो वुजू के पढ़ने बैठे और इसके साथ ही आपका दिल बिल्कुल साफ हो, नेक नियत हो और अल्लाह की रिजा हो ये सबसे जरूरी है ।
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(03) Pehle Arabic Seekhna Ya Tarjuma?
Beginners के लिए खास मशवराह ये है कि –
- साथ ही मे Arabic और Urdu/हिन्दी Tarjuma पढे ।
- word by word तर्जुमा वाली कुरान(कंजूल ईमान) से शुरूआत करे ।
- जैसे सूरह फातिहा की पहली आयत आपने पढ़ी फिर उसका मायेना पढे ” तमाम तारीफे अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का रब है । “
(04) Tajweed Seekhna – Quran Padhne ki Adaab
Tajweed का मतलब ये है कि कुरान ए मजीद को उसके सही अंदाज मे पढ़ना और अगर आपने गलत मखारिज के साथ पढ़ा और एसी गलती की उसका माएना ही बदल गया तो इस सूरत मे आपको गुनाह मिलेगा इसके लिए आप ये काम करे –
- किसी आलिम ए दीन से सीखे ।
- अगर आपका मकान मस्जिद से दूर है तो फिर आप अनलाइन ही किसी अच्छे और ब अमल आलिम ए दीन से सीखे ।
- और रोजाना कम से कम एक रुकु या 10 आयत ए कुरान पढ़ना शूरु करे ।
(05) Quran Samajhne ka Asli Maqsad kya hai?
Quran kaise Padein इसका जवाब सिर्फ Padhna नहीं है – samajhna भी है । इसके लिए आप इन बातों पर फोकस करे-
- हर रोज आप अपनी जिंदगी मे एक आयत apply करे ।
- तफ़सीर कंजूल इरफान जैसी authentic तफ़सीर से मदद ले ।
- Quran का मतलब याद रखना ज्यादा जरूरी है ।
(06) Quran Se Muhabbat – दिल से रिश्ता बनाइये
मेरे अजीजों कुरान ए मजीद को अपने रूटीन का हिस्सा बनाइये और मोबाईल मे Quran app रखे जिससे आप आसानी से पढ़ सके और कुरान तो अल्लाह पाक का एसा कलाम है कि इसको पढ़ना सवाब, इसको सुनना सवाब और देखना सवाब और इसको चूमना सवाब है यानि के आप ये भी कह ले के कुरान कहना भी सवाब है । बस नियत पाक और ईमान मजबूत होना चाहिए ।
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Conclusion: Aaj से Quran की शुरूअत कीजिए
मेरे ख्याल से अब आप जान चुके है कि Quran kaise Padhe – तो अब देर मत कीजिए और आज ही एक पेज रोज पढ़ना शुरू करे । अल्लाह हर कदम पर आपके लिए आसानी बनाएगा ।
” जब आप कुरान के करीब जाते हो, तो अल्लाह आपके करीब आता है । “